ये लक्षण आम सर्दी-जुकाम के हैं या कोरोनावायरस के? एक्सपर्ट से जानिए इनका अंतर
ये लक्षण आम सर्दी-जुकाम के हैं या कोरोनावायरस के? एक्सपर्ट से जानिए इनका अंतर
नई दिल्ली। सर्दियों का मौसम सांस से जुड़ी कई बीमारियां साथ लाता है। कोविड के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के आने से, इन बीमारियों में फर्क समझना और भी मुश्किल हो गया है। एक्सपर्ट्स भले ही इस नए वेरिएंट को हल्का बता रहे हों, लेकिन इससे होने वाले लक्षणों ने सभी के लिए भ्रम की स्थिति पैदा कर दी है, जिससे लोगों के लिए कोविड और फ्लू संक्रमण के बीच अंतर करना मुश्किल हो गया है।
लेकिन, SARs-COV-2 वायरस सांस से जुड़े सभी संक्रमणों में सबसे ख़तरनाक साबित हो सकता है। ऐसे में लक्षणों को नज़रअंदाज़ बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
क्या SARs-COV-2 और इंफ्लूएंज़ा वायरस अलग हैं?
कोरोना वायरस और इन्फ्लूएंज़ा वायरस दोनों श्वसन संबंधी बीमारियां हैं, जो प्रकृति से संक्रामक हैं। उनके मुताबिक दोनों में बुखार, खांसी, नाक बहना, गले में ख़राश, सांस फूलना और सिरदर्द जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खांसी, छींक, बात करने आदि से निकलने वाली बूंदों के ज़रिए फैलते हैं। ये बूंदें एक व्यक्ति के मुंह के ज़रिए या फिर सांस के ज़रिए प्रवेश कर सकते हैं। डॉक्टर के अनुसार, अधिक आयु वर्ग के लोग या फिर ऐसे लोग जिनकी प्रतिक्षा कमज़ोर होती है, वे इस तरह के वायरस से आसानी से संक्रमित हो सकते हैं।
इंफ्लूएंज़ा और कोरोना वायरस में फर्क की बात करें, तो फ्लू के लक्षण जल्दी दिखने लगते हैं, जबकि कोविड में संक्रमित होने के कुछ दिन बात लक्षण सामने आते हैं। साथ ही कोविड-19, फ्लू की तुलना में ज़्यादा संक्रामक है, और तेज़ी से लोगों में फैलता है। फ्लू में लक्षण संक्रमित होने से एक से 4 दिन में दिख जाते हैं, वहीं कोरोना वायरस में संक्रमित होने के बाद लक्षण दिखने में दो से 14 दिन का समय भी लग सकता है।
कोविड और फ्लू में अंतर समझने का सबसे बेस्ट तरीका क्या है?
लक्षण दिखने पर आरटी-पीसीआर या फिर रैपिड एंटीजन टेस्ट निदान करने का सबसे अच्छा तरीका है। ऐसा मास्क पहने जो आपके चेहरे पर अच्छी तरह फिट हो, ताकि वायरस से बचें। हाथों को दिन में कई बार धोएं या फिर सैनिटाइज़ करें। लक्षणों पर नज़र रखें और समय पर डॉक्टर से संपर्क करें।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।